Wednesday, 22 January 2014

कहीं अंधेरा तो कहीं शाम होगी....

कहीं अंधेरा तो कहीं शाम होगी,
मेरी हर खुशी तेरे नाम होगी,
कभी माँग कर तो देख हमसे ऐ दोस्त,
होंठों पर हँसी और हथेली पर जान होगी..



Kahin Andhera To Kahin Sham Hogi
Meri Har Khushi Tere Naam Hogi
Kabhi Maang Kr To Dekh Hmse A Dost
Hoton Pr Hansi Aur Hatheli Pr Jaan Hogi

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