Tuesday, 11 February 2014

होता नहीं मेहसुस दर्द आज तेरे जखमों का,

होता नहीं मेहसुस दर्द आज तेरे जखमों का,
कयुँ आज तेरी तलवार की धार कमम है,
कुछ दे ऐसे जख्म आज  मुझको ..
क्युँ लगता है की आज तेरा प्यार कम है..

Hota Nahi Mehsoos Dard Aaj Tere Zakhmoon Ka,
Kyun Aaj Teri Talwar Ki Dhaar Kam Hai,
Kuch De Aise Zakhm Zalim Aaj Mujko,
Kyun Lagta Hai Ki Aaj Tera Pyar Kam Hai.

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