Sunday, 16 March 2014
अभी इस तरफ निगाह ना कर,
अभी इस तरफ निगाह ना कर,
मै गज़ल की पलक सवार लूँ,
मेरा लफज़-लफज़ हो आईना..
तुझे आईने में उतार लूँ,
मैं तमाम शब की थकी हुई,
तु तमाम शब का जगा हुआ,
जरा ठहर जा इसी मोड पर..
तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ,
अगर आसमान की नुमाइशों में..
मुझे भी इंज-ए-क्याम हो..
तो मैं मोतियों की दुकान से..
तेरा चेहरा ओर भी निखार लूँ,
कुछ अजनबी तेरे शहर के,
मेरे पास से युँ गुज़र गए..
उन्हें देख के ये तडप हुई,
उन्हें तेरा नाम ले के पुकार लूँ..
Abhi is taraf Nigah Na kar,
Main ghazal ki palke sanwar loon,
Mera lafz lafz ho Aaina..
tujhe Aaine me utaar loon,
Main tamam shab ki thaki hui..
Tu tamam shab ka jaga hua,
Zara thehr ja isi morh per..
Tere sath sham guzar loon,
Agar asman ki numaishon me..
Mujhe b Izn-e-Qayam ho,
To main motiyon k dukhan se..
Tera chehra or b Nikhar loon,
kuch ajnabi tere shehr k,
Mere pas se u guzar gaye,
Unhe dekh k ye tarap hui,
Unhe tera naam le k pukar loon,
कब तक रहोगे आखिर युँ दूर-दूर हमसे,
कब तक रहोगे आखिर युँ दूर-दूर हमसे,
मिलना पडेगा आखिर इक दिन जरूर हमसे,
दामन बचाने वाले ये बेरूखी है कैसी?
कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हमसे,
हम छोड देगें तुमसे युँ बातचीत करना,
तुम पुछते फिरोगे अपना कसूर हमसे,
हम छीन लेंगे तुमसे ये शान-ऐ-बेनियाजी,
तुम माँगते फिरोगे अपना घूरूर हमसे..
Kab Tak Raho Ge Aakhir Youn Door Door Humse,
Milna Pade Ga Aakhir Aik Din Zaroor Humse.
Damann Bachane Wale Yeh Berukhi Hai Kaise?
Keh Do Agar Huwa Hai Koi Kasoor Humse.
Hum Choud Denge Tumse Youn Baat Cheet Karna,
Tum Pochte Phiro Ge Apna Kasoor Humse.
Hum Cheen Len Ge Tumse Yeh Shan e Beniazi,
Tum Mangte Phiro Ge Apna Ghuroor Humse
दिल तो दिल है दिल की बातें समझ सको तो बेहतर है
दिल तो दिल है दिल की बातें समझ सको तो बेहतर है
दुनिया की इस भीड़ में ख़ुद को अलग रखो तो बेहतर है
मोड़ हज़ारों मिलेगें तुमको, कई मिलेगें चौराहे
मंज़िल तक पहुँचाने वाली राह चुनो तो बेहतर है
क़दम क़दम पर यहाँ सभी को बस ठोकर ही मिलती है
थाम के मेरा हाथ अगर तुम संभल सको तो बेहतर है
ख़ामोशी भी एक सदा है अकसर बातें करती है
तुम भी इसको तनहाई में कभी सुनो तो बेहतर है
जाने कैसा ज़हर घुला है इन रंगीन फ़िज़ाओं में
प्यार की ख़ुशबू से ये मंज़र बदल सको तो बेहतर है
दुनिया की इस भीड़ में ख़ुद को अलग रखो तो बेहतर है
मोड़ हज़ारों मिलेगें तुमको, कई मिलेगें चौराहे
मंज़िल तक पहुँचाने वाली राह चुनो तो बेहतर है
क़दम क़दम पर यहाँ सभी को बस ठोकर ही मिलती है
थाम के मेरा हाथ अगर तुम संभल सको तो बेहतर है
ख़ामोशी भी एक सदा है अकसर बातें करती है
तुम भी इसको तनहाई में कभी सुनो तो बेहतर है
जाने कैसा ज़हर घुला है इन रंगीन फ़िज़ाओं में
प्यार की ख़ुशबू से ये मंज़र बदल सको तो बेहतर है
Thursday, 6 March 2014
प्यार की हर रसम निभाई थी मैने..
प्यार की हर रसम निभाई थी मैने..
तुम्हें पाने के लिए हर किश्ती डुबाई थी मैने..
तुमने कदर ना जानी मेरी वफाओ की..
तुम्हारी चाहत में हर खुशी लुटाई थी मैने..
Pyar ki har rasam nibhai thi maine,
Tumhe paane ke liye har kashti dubai thi maine,
Tumne kadar na jaani meri wafaon ki,
Tumhari chahat mein har khushi lutai thi maine......
क्या बनाने आए थे, क्या बना बैठे...
क्या बनाने आए थे, क्या बना बैठे...
कहीं मन्दिर बना बैठे, कहीं मस्जिद बना बैठे..
हम से अच्छी तो जात है परिंदों की...
कभी मन्दिर पे जा बैठे, कभी मस्जिद पे जा बैठे...
Kya banane aaye the, kya bana baithe...
kahi mandir bana baithe kahi masjeed bana baithe...
hum se achhi to jaat hai pareendo ki...
kabhi mandir pe ja baithe ,kabhi masjeed pe ja baithe..
हम नहीं जीत सके उनसे..
हम नहीं जीत सके उनसे..
वो ऐसी शरत लगाने लगे..
प्यारी सी आँखो को...
.... मेरी आँखो से लडाने लगे..
हम शायद जीत भी जाते..
पर पलके हमने तब झपकाईं..
जब उनकी पलकों से आँसु आने लगे
Hum nahi jeet sake Unse..
woh aisi Sharth lagane lage..
Pyari si Ankhon ko meri Ankhon se ladane lage..
Hum shayad jit b jate
par palak humne tab jhapkayi..
jab unki palkon se Aansu aane lage
वो कहते हैं दिल पे भरोसा इतना नहीं करते,
वो कहते हैं दिल पे भरोसा इतना नहीं करते,
हम कहते हैं महोब्बत में सोचा नहीं करते,
वो कहते हैं नज़रों से दूर पर दिल के पास हुँ,
हमने कहा सपनो से दिल को बहलाया नहीं करते
Wo kehte hai dil pe bharosa itna nahi karte,
Hum kehte hai mohabat me socha nahi karte,
Wo kehte hai nazro se door par dil ke paas hoon,
Humne kaha sapno se dil ko behlaya nahi karte…
अगर जो दिल की सुनो तो हार जाओगे..
अगर जो दिल की सुनो तो हार जाओगे..
हम जैसा प्यार फिर कहाँ से पाओगे..
जान देने की बात को हर कोई करता है..
जिन्दगी बनाने वाला कहाँ से लाओगे..
जो इक नज़र देखोगे हमें..
हर तरफ हमको ही पाओगे..
यकीं अपनी चाहत का इतना है मुझे..
मेरी आँखो में झाँकोगे और लौट आओगे..
मेरी यादों के समंदर में जो डूब गऐ तुम..
कहीं जाना भी चाहोगे तो जा नहीं पाओगे..
Gar Jo Dil Ki Suno To Haar Jaoge,
Hum Jaisa Pyaar Phir Kaha Se Paoge,
Jaan Dene Ki Baat To Har Koi Karta Hai,
Zindgi Banane Wala Kaha Se Laoge,
Jo Ek Nazar Dekhoge Hume,
Har Taraf Humko Hi Paoge,
akeen Apni Chaaht Ka Itna Hai Mujhe,
Meri Aankhon Mein Jhankoge Aur Laut Aaoge,
Meri Yaadon Ke Samundar Mein Jo Doob Gaye Tum,
Kahin Jana Bhi Chahoge To Ja Nahi Paoge.
वो कहते हैं दिल पे भरोसा इतना नहीं करते,
वो कहते हैं दिल पे भरोसा इतना नहीं करते,
हम कहते हैं महोब्बत में सोचा नहीं करते,
वो कहते हैं नज़रों से दूर पर दिल के पास हुँ,
हमने कहा सपनो से दिल को बहलाया नहीं करते
Wo kehte hai dil pe bharosa itna nahi karte,
Hum kehte hai mohabat me socha nahi karte,
Wo kehte hai nazro se door par dil ke paas hoon,
Humne kaha sapno se dil ko behlaya nahi karte…
हम नहीं जीत सके उनसे
हम नहीं जीत सके उनसे..
वो ऐसी शरत लगाने लगे..
प्यारी सी आँखो को...
.... मेरी आँखो से लडाने लगे..
हम शायद जीत भी जाते..
पर पलके हमने तब झपकाईं..
जब उनकी पलकों से आँसु आने लगे
Hum nahi jeet sake Unse..
woh aisi Sharth lagane lage..
Pyari si Ankhon ko meri Ankhon se ladane lage..
Hum shayad jit b jate
par palak humne tab jhapkayi..
jab unki palkon se Aansu aane lage..
अपनी खुशीयां लुटा कर उस पे कुर्बान हो जाऊँ,
अपनी खुशीयां लुटा कर उस पे कुर्बान हो जाऊँ,
काश कुछ दिन उसके शहर में महमान हो जाऊँ,
वो अपना नायाब दिल मुझ को दे दें
...................और फिर वापस माँगे
मै मुक्कर जाऊँ और बेईमान हो जाऊँ
Apni Khushiya luta kar use pe Kurban ho jau
Kash kuch din uske shehar main mehmaan ho jau
Woh apna nayab dil mujh ko de de aur fir wapas mange
Main Mukhar Jau aur Beimaan ho jau
किसी की आँखों मे मोहब्बत का सितारा होगा
किसी की आँखों मे मोहब्बत का सितारा होगा
एक दिन आएगा कि कोई शक्स हमारा होगा
कोई जहाँ मेरे लिए मोती भरी सीपियाँ चुनता होगा
वो किसी और दुनिया का किनारा होगा
काम मुश्किल है मगर जीत ही लूगाँ किसी दिल को
मेरे खुदा का अगर ज़रा भी सहारा होगा
किसी के होने पर मेरी साँसे चलेगीं
कोई तो होगा जिसके बिना ना मेरा गुज़ारा होगा
देखो ये अचानक ऊजाला हो चला,
दिल कहता है कि शायद किसी ने धीमे से मेरा नाम पुकारा होगा
और यहाँ देखो पानी मे चलता एक अन्जान साया,
शायद किसी ने दूसरे किनारे पर अपना पैर उतारा होगा
कौन रो रहा है रात के सन्नाटे मे
शायद मेरे जैसा तन्हाई का कोई मारा होगा
अब तो बस उसी किसी एक का इन्तज़ार है,
किसी और का ख्याल ना दिल को ग़वारा होगा
ऐ ज़िन्दगी! अब के ना शामिल करना मेरा नाम
ग़र ये खेल ही दोबारा होगा
जानता हूँ अकेला हूँ फिलहाल
पर उम्मीद है कि दूसरी और ज़िन्दगी का कोई ओर ही किनारा होगा .......
तारों में अकेले चाँद जगमगाता है,
तारों में अकेले चाँद जगमगाता है,
मुश्किलों में अकेला इन्सान डगमगाता है,
काँटों से मत घबराना मेरे दोस्त,
क्योंकि काँटों में ही एक गुलाब मुस्कुराता है
Taaron me akela chaand jagmagata hai,
Muskilon me akela insaan hi dagmagata hai,
Kaanto se mat ghabrana mere dosto,
Kyuki kaanton me hi ek gulaab muskurata hai
Saturday, 1 March 2014
हम नहीं जीत सके उनसे..
हम नहीं जीत सके उनसे..
वो ऐसी शरत लगाने लगे..
प्यारी सी आँखो को...
.... मेरी आँखो से लडाने लगे..
हम शायद जीत भी जाते..
पर पलके हमने तब झपकाईं..
जब उनकी पलकों से आँसु आने लगे
Hum nahi jeet sake Unse.. woh aisi Sharth lagane lage..
Pyari si Ankhon ko meri Ankhon se ladane lage..
Hum shayad jit b jate
par palak humne tab jhapkayi..
jab unki palkon se Aansu aane lage..
प्यार की हर रसम निभाई थी मैने..
प्यार की हर रसम निभाई थी मैने..
तुम्हें पाने के लिए हर किश्ती डुबाई थी मैने..
तुमने कदर ना जानी मेरी वफाओ की..
तुम्हारी चाहत में हर खुशी लुटाई थी मैने..
Pyar ki har rasam nibhai thi maine,
Tumhe paane ke liye har kashti dubai thi maine,
Tumne kadar na jaani meri wafaon ki,
Tumhari chahat mein har khushi lutai thi maine......
वो कहते हैं दिल पे भरोसा इतना नहीं करते,
वो कहते हैं दिल पे भरोसा इतना नहीं करते,
हम कहते हैं महोब्बत में सोचा नहीं करते,
वो कहते हैं नज़रों से दूर पर दिल के पास हुँ,
हमने कहा सपनो से दिल को बहलाया नहीं करते
Wo kehte hai dil pe bharosa itna nahi karte,
Hum kehte hai mohabat me socha nahi karte,
Wo kehte hai nazro se door par dil ke paas hoon,
Humne kaha sapno se dil ko behlaya nahi karte…
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